Monday, August 29, 2011

चार भौंकते कुत्ते

सपने में आते हैं मेरे,
डरता हूँ मैं, खौफनाक ,
क्यों न मुझको सोने देते,
वो चार भौंकते कुत्ते|
मैंने क्या बिगाड़ा तेरा है,
क्या ऐसा पाप किया है,
सुख चैन हर ले गए जो,
वो चार भौंकते कुत्ते|
एक बेचैनी सी छाई है,
पसीना पसीना हुआ हूँ मैं,
क्यों दिल को मेरे धड्काते,
वो चार भौंकते कुत्ते|
सुनसान गली, रास्ता तंग,
घेर लिया मुझे चारों ओर,
मेरे पापों की गिनती करवाते,
वो चार भौंकते कुत्ते|
काँप रहा मैं, ठण्ड लगी,
मुख में मेरे आवाज दबी,
राम नाम मुझसे जपवाते,
वो चार भौंकते कुत्ते|
तभी एक तेज रोशनी दिखी,
आँखें खुली, कुछ साफ़ हुआ,
मुझे साहस देने आये थे,
मेरे डर को भागने आये थे,
मुझे हिम्मत देके चले गए,
मेरे डर को लेके चले गए,
वो चार भौंकते कुत्ते|

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