झटक हाथ तेरा चल दिया,
अकेला तुझे छोड़ कर,
जीता हूँ अब इसी भरम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
अकेला तुझे छोड़ कर,
जीता हूँ अब इसी भरम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
गलती नहीं की मैंने कोई,
शायद ईश्वर की थी मर्जी,
इस जीवन रहा अधूरा करम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
शायद ईश्वर की थी मर्जी,
इस जीवन रहा अधूरा करम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
समय से न कोई जीत सका,
मैं भी ठहरा बस हाड मांस,
न बदले सच, कर-२ परिश्रम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
मैं भी ठहरा बस हाड मांस,
न बदले सच, कर-२ परिश्रम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
बेगाना तुझे बनाकर रोता हूँ,
दिन रात आंसू पी पीकर,
तुझे अपना कहा बिना शरम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
दिन रात आंसू पी पीकर,
तुझे अपना कहा बिना शरम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
कुछ ज्यादा ही मजबूर हूँ मैं,
अपने फंदों में फंसा हुआ,
जो मैंने किया वो मेरा धरम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
अपने फंदों में फंसा हुआ,
जो मैंने किया वो मेरा धरम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
रात ढली कुछ काली ये,
आगे कुछ न दिख रहा अभी,
कठिन डगर, न पड़ तू नरम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
आगे कुछ न दिख रहा अभी,
कठिन डगर, न पड़ तू नरम,
अगले जनम हो पूरी कसम।
बस दुआ यही मैं करता हूँ,
खुशहाल रहे तेरा जीवन,
रह गयी अधूरी जो इस जनम,
अगले जनम हो पूरी कसम।।
खुशहाल रहे तेरा जीवन,
रह गयी अधूरी जो इस जनम,
अगले जनम हो पूरी कसम।।
No comments:
Post a Comment